नई दिल्ली, अगस्त 12 -- सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) विवाद को मुख्य रूप से विश्वास की कमी का मुद्दा करार दिया। चुनाव आयोग ने दावा किया कि 7.9 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 6.5 करोड़ लोगों को कोई दस्तावेज जमा नहीं करना पड़ा, क्योंकि वे या उनके माता-पिता 2003 की मतदाता सूची में शामिल थे। एससी बिहार में चुनाव आयोग के मतदाता सूची संशोधन अभ्यास के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। यह भी पढ़ें- दोषी हैं, इसलिए किसी को राजनीतिक दल बनाने से कैसे रोक सकते हैं? क्यों बोला SC चुनाव आयोग की ओर से सीनियर वकील राकेश द्विवेदी ने तर्क रखे। सुनवाई के दौरान द्विवेदी ने कहा कि हम शुद्धिकरण अभियान चला रहे हैं। इसे रोकने की कोशिश करने के बजाय, हमारी मदद करें। द्विवेदी ने कहा कि यह एक ड्राफ्ट रोल है। हमने नोटिस दिया है कि कृपया अप...
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