नई दिल्ली, सितम्बर 2 -- गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि सीवर और सेप्टिक टैंक साफ करते समय सफाई कर्मियों की मौत के मामले में सारा दोष ठेकेदारों पर डालने के बजाय, अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति डी.एन. रे की पीठ ने यह टिप्पणी 2016 की एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई के दौरान की। याचिका में हाथ से मैला ढोने की प्रथा के कारण सफाई कर्मचारियों की मौत के मुद्दे पर चर्चा की गई थी, जिसमें उन्हें सीवर, सेप्टिक टैंक और नालियों की सफाई के लिए मैनहोल में उतरना पड़ता है। सफाई कर्मियों की मौत से जुड़ी हर घटना के बाद ठेकेदार को 'काली सूची' में डालने की सरकार की प्रथा का हवाला देते हुए, अदालत ने कहा कि नया ठेकेदार भी ऐसा ही करेगा क्योंकि कोई रोकथाम नहीं है। महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने हाईकोर्ट की...