नई दिल्ली, जून 28 -- उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश में कानून के एक छात्र को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत प्रिवेंटिव डिटेंशन (हिरासत) में रखने को पूरी तरह अस्वीकार्य बताते हुए तुरंत उसकी रिहाई का आदेश दिया है। ऐसे में करीब सालभर बाद अब उसकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। छात्र को बैतूल के एक कॉलेज में हुए विवाद के बाद प्रोफेसर से उलझने और उन्हें धमकाने के मामले में गिरफ्तार करने के बाद प्रिवेंटिव डिटेंशन में लिया गया था। प्रिवेंटिव डिटेंशन का मतलब होता है किसी शख्स को कोई अपराध किए बिना, भविष्य में अपराध करने से रोकने के लिए हिरासत में लेना। यह कार्रवाई तब की जाती है, जब सरकार को लगता है कि वह व्यक्ति भविष्य में कानून और व्यवस्था के लिए खतरा बन सकता है। मामले के अनुसार जुलाई 2024 में बैतूल के एक विश्वविद्यालय परिसर में हुए विवाद...