हल्द्वानी, सितम्बर 13 -- हल्द्वानी। सुप्रीम कोर्ट ने अदालतों को निर्देश दिए हैं कि वे जमानत और अग्रिम जमानत से जुड़ी याचिकाओं को तीन से छह महीने के भीतर निपटाएं। स्थानीय बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि जिला अदालतों पर ज्यादा बोझ नहीं होता। गंभीर और संवदेनशील मुकदमे ही अदालत में लंबित रहते हैं। सात साल से कम सजा वाले मामलों में आसानी से जमानत मिल जाती है। हल्द्वानी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष किशोर पंत ने कहा कि जिला या निचली अदालतों में जमानत से संबंधित मामलों का निस्तारण एक सप्ताह के भीतर हो जाता है। कहा कि छोटे मामलों में जमानत अर्जी को बिना देरी सुन लिया जाता है। इस कारण जमानत से संबंधित मामले लंबित नहीं होते। उन्होंने कहा कि मुश्किल से 2 से 3 मामले वर्तमान में पेडिंग होंगे। उच्च न्यायालय में ही ज्यादातर मामले लंबित होंगे। एडवोके...