मुरादाबाद, जून 15 -- राजकीय महाविद्यालय में निर्धारित थीम "योगा फार वन अर्थ,वन हेल्थ " के कार्यक्रम की श्रृंखला में आसन एवं ध्यान'' शीर्षक के अंतर्गत आनलाइन मोड के द्वारा जानकारी प्रदान की गई। आसन एवं ध्यान एक दूसरे के पूरक हैं। आरामदायक आसन की मुद्रा मे ही ध्यान केंद्रित किया जा सकता है। जिस आसन में शरीर बिना किसी तनाव के हो उसी आसन में ध्यान किया जा सकता है। ध्यान मनुष्य की मानसिक क्षमता विवेकशीलता ,तर्क शक्ति एवं बुद्धि लब्धि को बढ़ाता है। ध्यान से मनुष्य के मस्तिष्क में नये तंत्रिका कोशिकाओं का निर्माण होता है, जिससे एल्जाइमर्स, पार्किसन जैसी न्यूरोडीजनरेटिव रोगो से बचाव होता है। रविवार को कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य डॉ नरेश कुमार ने की।कार्यक्रम का संचालन वंदना भारती ने किया। कार्यक्रम में अन्य प्राध्यापक एवं छात्र-छात्र...