नागपुर, जुलाई 1 -- किसी युवती या महिला से सिर्फ 'आई लव यू' कहना यौन उत्पीड़न नहीं है, जब तक कि इन शब्दों के साथ ऐसा आचरण न हो जो स्पष्ट रूप से उस पुरुष के यौन इरादे को दर्शाता हो। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने हाल ही में यह फैसला सुनाया है। पीठ ने 2015 में एक किशोरी से छेड़छाड़ के कथित आरोपी 35 वर्षीय व्यक्ति को बरी करते हुए दो टूक कहा कि 'आई लव यू' कहना केवल भावनाओं की अभिव्यक्ति है और यह अपने आप में 'यौन इरादे' का प्रकटीकरण नहीं है। रवींद्र पुत्र लक्ष्मण नारेते बनाम महाराष्ट्र राज्य के मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस उर्मिला जोशी फाल्के ने कहा कि आई लव यू जैसे वाक्यांश यौन इरादों को प्रकट नहीं करते हैं। पीठ ने एक नाबालिग लड़की का पीछा करने और उसका यौन उत्पीड़न करने के आरोप में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (POCSO अधिनियम)...