सहारनपुर, जुलाई 11 -- नानौता नगर के गंगोह मार्ग स्थित एक धर्मशाला में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के षष्ठम दिन श्री कृष्ण रुक्मणी मंगल और फूलों की होली प्रसंग का वर्णन हुआ। कथा व्यास गौभक्त पुष्कर श्री कृष्ण जी महाराज ने श्री रासलीला महात्म्य का वर्णन अपने मधुर कंठ से करते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण की रासलीला केवल नृत्य या गीत का प्रसंग नहीं है, बल्कि यह आत्मा और परमात्मा के मिलन की गाथा है। उन्होंने समझाया कि रास शरीर का नहीं आत्मा का विषय है जब कोई समर्पित भाव से प्रभु का स्मरण करता है तो उसकी आत्मा प्रभु में लीन हो जाती है और परमात्मा सहज रूप से सामने आ जाते हैं। इस दौरान धर्मपाल अरोड़ा, नरेश विश्वकर्मा, राधे विश्वकर्मा, बिजेंद्र रोहिला, संजय नारंग, डॉ दिनेश पुंडीर, अभिषेक तनेजा, सौरभ रोहिला, दर्शनलाल अरोड़ा, अमर चावला, कशिश चावला, ओमबी...