जमशेदपुर, जून 9 -- कोल्हान में बना देसी अचार अब सिर्फ स्वाद नहीं है, बल्कि यह अपनी पहचान भी बना रहा है। तीन साल पहले 10 लोगों के छोटे से प्रयास से शुरू हुआ यह अचार कारोबार आज पिपुल ब्रांड बनकर सौ से अधिक परिवारों की आजीविका का मजबूत आधार बन चुका है। लहसून, अदरक, आम और कलौंजी जैसे पारंपरिक स्वादों से भरपूर यह अचार अब बड़े ब्रांड को भी टक्कर दे रहा है। जल जीविका किसान प्रोड्यूसर संस्था के बैनर तले काम कर रही महिलाओं ने शुद्ध सरसों तेल और देसी मसालों से ऐसा स्वाद तैयार किया है कि झारखंड ही नहीं, ओडिशा और बंगाल तक इन अचार की मांग बढ़ गई है। खास बात यह है कि इन अचार में कोई केमिकल नहीं मिलाया जाता। वन विभाग बना बाजार का सेतु वन विभाग की पहल से अब इन अचार को बड़े बाजार और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तक पहुंचाया जा रहा है। इससे ग्रामीण महिलाओं और युवाओं क...