नई दिल्ली, जून 6 -- भारत के मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई ने कहा कि हाशिये पर पड़े समुदायों के प्रतिनिधि आज भारत के कुछ सर्वोच्च संवैधानिक पदों पर आसीन हैं।, यह डॉ. बी. आर. आंबेडकर के 'समानता, स्वतंत्रता, न्याय और बंधुत्व के दृष्टिकोण के अनुरूप है। मुख्य न्यायाधीश गवई ने लंदन के ऐतिहासिक 'ग्रेज इन' बार में गुरुवार शाम को भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के पर एक विशेष व्याख्यान में संविधान निर्माता के रूप में डॉ. आंबेडकर की स्थायी विरासत पर प्रकाश डाला। आंबेडकर ने एक सदी से भी पहले 'ग्रेज इन' से ही बैरिस्टर की उपाधि प्राप्त की थी। मुख्य न्यायाधीश गवई ने कहा कि आधुनिक इतिहास के सबसे महान विधि विशेषज्ञों में से एक डॉ. आंबेडकर की विरासत पर विचार करना उनके लिए 'अविश्वसनीय रूप से भावनात्मक क्षण है। उन्होंने कहा कि उनके खुद के करियर में भी इनक...