नई दिल्ली, जून 12 -- छह साल की उम्र में दोनों हाथ गवांने के बाद किसी की जिंदगी थम जाती है, सपने चूर-चूर हो जाते हैं. लेकिन राजस्थान के अलवर जिले की एक बेटी ने ये साबित कर दिया कि जज्बा हो तो शरीर की मजबूरी भी रास्ता नहीं रोक सकती। जी हां, अलवर की पायल यादव अब एक ऐसा नाम जो आज पूरे देश के लिए प्रेरणा बन गया है। अलवर के मुंडन कला गांव की रहने वाली पायल यादव ने राजस्थान बोर्ड की दसवीं की परीक्षा में 100 फीसदी अंक हासिल किए हैं। हैरानी की बात ये है कि उसने यह कमाल अपने हाथों से नहीं बल्कि पैरों से लिखा हुआ हर पेपर देकर किया है। हर विषय में टॉप किया है और पूरे जिले का सिर फख्र से ऊंचा कर दिया है।छोटी सी उम्र में हादसे का शिकार जब पायल महज छह साल की थी, तब खेलते हुए एक हाई टेंशन बिजली के तार की चपेट में आ गई थी। करंट इतना जबरदस्त था कि डॉक्टरों...