भागलपुर, अगस्त 25 -- भागलपुर, वरीय संवाददाता उच्च रक्तचाप यानी हाई बीपी को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। जिले में सात लाख से ज्यादा लोग हाई बीपी से पीड़ित हैं, जो कि हार्ट अटैक, स्ट्रोक, किडनी फेलियर और डिमेंशिया के खतरे की जद में हैं। अब अमेरिकन हार्ट एसेासिएशन ने हाई बीपी को लेकर एक नई गाडइलाइन जारी की है। इसमें हाई बीपी को समय रहते शुरुआती इलाज और जीवनशैली में सुधार की जरूरत पर जोर दिया गया है। कम नमक, फल-सब्जियों का सेवन, नियमित व्यायाम, वजन नियंत्रण और स्ट्रेस मैनेजमेंट को प्राथमिक इलाज बताया गया है। गाइडलाइन के बारे में जानकारी देते हुए जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (मायागंज अस्पताल) के मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. राजकमल चौधरी ने बताया कि समय पर हाई बीपी की पहचान और इलाज न केवल हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बचा सकता है, बल्कि...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.