लखनऊ, जून 14 -- कार्यशाला लखनऊ, कार्यालय संवाददाता बच्चे और बड़े तेजी से फैटी लिवर की गिरफ्त में आ रहे हैं। हर तीसरा व्यक्ति फैटी लिवर की बीमारी से ग्रसित है। मधुमेह और मोटापा फैटी लिवर की बीमारी के प्रमुख जोखिम कारक हैं। यह बातें केजीएमयू के पेट रोग विशेषज्ञ डॉ. सुमित रूंगटा और मेदांता अस्पताल के डॉ. अभय वर्मा ने पीजीआई के हेपेटोलॉजी विभाग की ओर से अन्तरराष्ट्रीय नैश दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कहीं। पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमान और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश हर्षवर्धन ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इलाज में अनदेखी जानलेवा हो सकती पीजीआई के डॉ. अमित गोयल ने कहा कि लिवर से जुड़ी बीमारियों का जितनी जल्दी पता चल जाए उतनी जल्दी इलाज देकर मरीज को राहत दी जा सकती है। इलाज में देरी से मरीज को सिरोसिस और लिवर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। लिहाजा उपच...