नई दिल्ली, दिसम्बर 12 -- सुप्रीम कोर्ट ने 31 वर्षीय हरीश राणा की निष्क्रिय इच्छा-मृत्यु (पैसिव यूथेनेशिया) की प्रक्रिया को अगले चरण में पहुंचा दिया है। हरीश पिछले 13 साल से 100% विकलांगता और परमानेंट वेजिटेटिव स्टेट में हैं तथा उनके ठीक होने की संभावना न के बराबर है। कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा- हम 31 साल के युवक को इस हालत में जीने नहीं दे सकते। जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की बेंच ने नोएडा जिला अस्पताल द्वारा गठित प्राइमरी मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पढ़ी। रिपोर्ट में चार विशेषज्ञ डॉक्टरों ने बताया कि हरीश की हालत बेहद दयनीय है। उनके गले में ट्रेकियोस्टॉमी ट्यूब लगी है जिससे सांस ले रहे हैं, पेट में गैस्ट्रोस्टॉमी ट्यूब से खाना दिया जा रहा है और पूरे शरीर पर गंभीर बेडसोर हो गए हैं। डॉक्टरों का मत है कि रिकवरी की संभ...