नई दिल्ली, जुलाई 13 -- Raghuram Rajan On Indian Economy: भारत भले ही जापान और जर्मनी को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की कगार पर हो, लेकिन आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का तर्क है कि ग्लोबल इनोवेशन नेतृत्व के बिना यह उपलब्धि खोखली है। द टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए लिखे एक कॉलम में, शिकागो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने बड़े पैमाने पर घरेलू स्तर और सरकारी समर्थन के बावजूद, ग्लोबल प्रोडक्ट आइकन बनाने में देश की घोर विफलता को उजागर किया।'एक भी ऐसी कंपनी नहीं है जो... राजन लिखते हैं, "हमारे पास एक भी ऐसी कंपनी नहीं है जो अपने प्रोडक्ट्स के लिए दुनिया भर में जानी जाती हो। न निन्टेंडो, न सोनी और न ही टोयोटा। न ही मर्सिडीज, न पोर्श और न ही एसएपी।" वे कहते हैं, हाई टैरिफ द्वारा संरक्षित विशाल कार मार्केट के बावजूद, "विकसि...