सहारनपुर, दिसम्बर 23 -- आर्य समाज में स्वामी श्रद्धानंद के 99 वें बलिदान दिवस पर राष्ट्र के प्रति किए गए उनके कार्यों का स्मरण कर श्रद्धापूर्वक वैदिक यज्ञकिया गया। मुख्य वक्ता झरौली गुरुकुल के आचार्य विजेंद्र शास्त्री वेदालंकार ने कहा कि अमर हुतात्मा स्वामी श्रद्धानंद का सन्यास ग्रहण करने से पूर्व का आरंभिक जीवन अनेक बुराइयों एवं दुष्वृत्तियों से परिपूर्ण रहा परंतु स्वामी दयानंद सरस्वती जी के व्याख्यानों को सुनकर और सत्यार्थ प्रकाश नामक ग्रंथ को पढ़कर उनका पूरा जीवन ही पलट गया। अपनी पंजाब की पूरी संपत्ति को बेचकर गुरुकुल कांगड़ी की स्थापना की। दिल्ली की जामा मस्जिद से व्याख्यान देने वाले वें एकमात्र हिंदू विद्वान हैं। शुद्धि आंदोलन से उन्होंने अनेक हिंदुओं की घर वापसी कराई। डॉ.वीरसिंह भावुक, नाथीराम आर्य, जगपाल आर्य, रमेश आर्य, शेखर आर्य, र...
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