मुजफ्फर नगर, जून 14 -- पतंजलि योग सूत्र के अष्टांग में सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्राणायाम है, प्राणायाम का अभिप्राय मूल रूप से श्वास को नियंत्रण में करना है। उक्त विचार तारिणी रिजॉर्ट्स और वैलनेस सेंटर की ओर से आयोजित योग गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डा. एमके तनेजा ने प्रकट किये। भ्रामरी प्राणायाम में पीएचडी डा. एमके तनेजा ने कहा कि कोरोना जैसी भयंकर बीमारियों से भी प्राणायाम करके बचा जा सकता है। प्राणायाम का अर्थ विभिन्न प्रकार से प्राणों का व्यायाम कहलाता है। डा. तनेजा ने उन्मुक्त मुद्रा, ग्रीवास्थि आकर्षणम्,नाडी शोधन, उज्जायी, कपालभाति, ्त्रिररका,भ्रामरी सूर्य भेदी प्राणायाम चंद्रभेदी प्राणायाम, अनुलोम विलोम इत्यादि के विषय में विस्तार से चर्चा की एवं अभ्यास भी कराया। डॉ तनेजा ने श्वास सही प्रकार से लेने की प्रक्रिया पर जोर दिय...
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