कोडरमा, अगस्त 27 -- कोडरमा, वरीय संवाददाता। विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर स्टॉल चलाने वाले संचालक इन दिनों किराया को लेकर परेशान हैं। आलम यह है कि पांच साल में कई स्टॉल संचालकों ने भारी-भरकम किराया चुका पाने में असमर्थता जताते हुए समय से पहले अपनी दुकानें छोड़ दी हैं। स्टेशन पर स्टॉल का किराया अब महानगरों के रेलवे स्टेशनों की तर्ज पर निर्धारित होता है, जो यहां के छोटे कारोबारी नहीं चुका पा रहे हैं। स्टॉल में खर्च के अनुपात में बिक्री नहीं होने से संचालकों को छोड़ना पड़ रहा है। रेलवे अपने स्टेशनों पर स्टॉल का टेंडर ऑनलाइन जारी करता है। इसमें सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले को ही स्टॉल आवंटित किया जाता है। यहां की कमाई के हिसाब से बहुत ज्यादा है। स्टॉल संचालकों का कहना है कि वे पूरे महीने मेहनत करने के बाद भी इतना मुनाफा नहीं कमा पाते कि इतना ज्याद...