दिल्ली, सितम्बर 17 -- अगर आपको भी सोशल मीडिया पर किसी को देखकर लगता है कि आप उन्हें जानते हैं, तो शायद आप भी उनके साथ इस एकतरफा रिश्ते में हैं.1990 के दशक के कई लोग शायद इस बात से इत्तेफाक रखेंगे कि उनके लिए शाहरुख खान कभी "शाहरुख खान" नहीं थे.वो हमेशा से "उनके" शाहरुख थे.इसे जेन जी जनता ने "फर्स्ट नेम बेसिस" का नाम दिया है, जिसका अर्थ है कि कोई (यानी अभिनेता या अभिनेत्री) इतना अपना लगने लगे कि आपने उन्हें उनके पूरे नाम से पुकारना ही छोड़ दिया है, मानो वो आपके परिवार का ही हिस्सा हैं, या आपके पड़ोसी हैं.लेकिन यह रिश्ता, क्या कहलाता है?आप रात को थके-हारे इंस्टाग्राम स्क्रॉल कर रहे हैं.लेकिन आपको जानना है कि "मृणाल" की साड़ी दर्जी के यहां से पीको होकर आई या नहीं, या फिर "बाजी" आज कौनसी शादी में गोल गप्पों के स्वाद के बारे में बताएंगी.या फिर आ...