अलीगढ़, सितम्बर 8 -- अलीगढ़, वरिष्ठ संवाददाता। मोबाइल और कंप्यूटर का बढ़ता इस्तेमाल जहां जीवन को सरल बना रहा है, वहीं इसका असर सेहत पर भारी पड़ रहा है। स्कूली बच्चों से लेकर कामकाजी युवाओं तक, गर्दन और कमर दर्द की समस्या तेजी से बढ़ रही है। सरकारी व निजी फिजियोथेरेपी केंद्रों पर युवाओं की संख्या बढ़ रही है। विशेषज्ञ बताते हैं कि बिगड़े पोस्चर और लंबे समय तक स्क्रीन पर झुके रहने की आदत ने शरीर की हड्डियों और मांसपेशियों पर नकारात्मक असर डालना शुरू कर दिया है। पांच साल पहले तक फिजियोथेरेपी का नाम हड्डी टूटने, जोड़ की समस्या या लकवे के इलाज से जुड़ा था, लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है। आज की स्थिति यह है कि न सिर्फ उम्रदराज लोग, बल्कि 12 से 18 साल तक के बच्चे और 20 से 35 साल तक के कामकाजी युवा बड़ी संख्या में फिजियोथेरेपी केंद्रों का रुख कर रहे ...