अररिया, दिसम्बर 12 -- रानीगंज। एक संवाददाता। मोबाइल के बढ़ते चलन ने नववर्ष के मौके पर बिकने वाली ग्रीटिंग कार्ड लगभग विलुप्त ही हो गए हैं। दो तीन दशक पहले जहां नवम्बर दिसंबर में ही दुकानो रंग बिरेंगे ग्रीटिंग कार्ड बिकने लगते थे। अब उन दुकानों पर ग्रीटिंग कार्ड नहीं बिकते हैं। अब इस बदलते डिजिटल दौर में नए साल की बधाई देने का तरीका पूरी तरह बदल चुका है। अब लोग मोबाइल फोन पर व्हाट्सऐप मैसेज, सोशल मीडिया पोस्ट और कॉल के जरिए शुभकामनाएं भेजते हैं। कुछ ही सेकंड में सैकड़ों लोगों तक संदेश पहुँच जाना आसान हो गया है। लेकिन दो-तीन दशक पहले हालात बिल्कुल अलग थे। उस समय नए साल पर डाक से भेजे जाने वाले ग्रीटिंग कार्ड का इंतजार ही नए वर्ष की सबसे प्यारी परंपरा हुआ करती थी। पुराने दौर में लोग हफ्तों पहले बाजार जाकर अलग-अलग तरह के आकर्षक ग्रीटिंग कार्ड च...