नई दिल्ली, अक्टूबर 13 -- सोना और बिटकॉइन दोनों उड़ान भर रहे हैं। इसके पीछे एक वैश्विक वजह है। अमेरिका, जिसे हमेशा से दुनिया की सुरक्षित पनाहगाह माना जाता था, उसकी नीतियों और उसकी करेंसी (डॉलर) में विश्वास घट रहा है। "ट्रंप 2.0" के दौर में इस 'डी-डॉलराइजेशन' की रफ्तार और बढ़ गई है, जिसके चलते दुनिया भर के निवेशक वैकल्पिक संपत्तियों जैसे सोने और क्रिप्टो की ओर रुख कर रहे हैं।समय की कसौटी पर सोना हमेशा ही खरा सोने ने समय की कसौटी पर खुद को साबित किया है, इसका इतिहास ईसा पूर्व के जमाने से शुरू होता है। ऐतिहासिक आंकड़े बताते हैं कि शेयर बाजार के मुश्किल दौर में सोना अक्सर स्थिर रिटर्न देता है। इसकी ताजा रैली की एक बड़ी वजह दुनिया भर की केंद्रीय बैंकों द्वारा अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड्स से दूरी बनाकर अपने रिजर्व में सोना बढ़ाना है। पहले के जमाने मे...