नई दिल्ली, अगस्त 14 -- चंद्रकांत लहारिया,वरिष्ठ चिकित्सक और नीति विशेषज्ञ आजादी के बाद से भारत ने स्वास्थ्य-सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। सन् 1947 में हमारी राष्ट्रीय जीवन प्रत्याशा 32 वर्ष थी, जो बढ़कर आज 70 वर्ष के आस-पास हो चुकी है। शिशु मृत्यु-दर समेत सभी आयु-वर्गों में मृत्यु दर में कमी आई है। लोग लंबा और स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। फिर भी, हम नई-पुरानी उपलब्धियों पर गर्वित होकर बैठ नहीं सकते। वैसे भी, पुरानी चुनौतियां खत्म हो जाती हैं, तो नई सामने आती हैं और हमें उनके लिए तैयार रहना पड़ता है। वर्तमान में हमारे पास युवाओं की संख्या सर्वाधिक है, मगर आने वाले वर्षों में बुजुर्गों की तादाद काफी बढ़ने वाली है। जाहिर है, तब स्वास्थ्य क्षेत्र की जरूरतें अलग किस्म की होंगी। इसके साथ ही देश में स्वास्थ्य संबंधी कई विषमताएं हैं। ये ...