नई दिल्ली, जून 12 -- सच्चे अर्थों में डॉक्टर वही कहलाता है, जो अपने ज्ञान और कौशल को केवल नौकरी या प्रतिष्ठा का माध्यम नहीं, बल्कि मानवता की सेवा का पवित्र कर्म मानता है। डॉ. ब्रजेश कुमार सिंह का जीवन इसी उच्च आदर्श का जीवंत प्रमाण है। उन्होंने अपने व्यक्तिगत सपनों, आकांक्षाओं और करियर की चमक को उस समय दरकिनार कर दिया, जब समाज को उनकी सबसे अधिक आवश्यकता थी। उन्होंने चिकित्सा को कभी पेशा नहीं समझा, बल्कि जनसेवा का एक सशक्त माध्यम बनाया। डॉ. ब्रजेश कुमार सिंह असल मायने में बिहार के गौरव हैं। अगर एक डॉक्टर गांव की मिट्टी में रहकर, सीमित संसाधनों के बीच भी सैकड़ों लोगों की जान बचा सकता है, तो यही सबसे बड़ी उपलब्धि है। 40 वर्षों से अधिक का उनका अनुभव, केवल वर्षों की गिनती नहीं है, बल्कि यह हर उस मुस्कान की गवाही है जो उनके इलाज से लौटी है। वे ...