नई दिल्ली, मई 28 -- दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को उस जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए खारिज कर दिया, जिसमें गुज्जर रेजिमेंट के गठन के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी। साथ ही इस याचिका को पूरी तरह से विभाजनकारी बताते हुए मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील को फटकार भी लगाई और कहा कि ऐसी याचिकाओं को लगाने से पहले वे कुछ शोध कर लिया करें। जिसके बाद अदालत के चेतावनी देने व जुर्माना लगाने वाले मूड को भांपते हुए याचिकाकर्ता के वकील ने याचिका वापस ले ली। यह जनहित याचिका रोहन बसोया नाम के शख्स ने दायर की थी। जिसमें कहा गया था कि भारतीय सेना ने ऐतिहासिक रूप से जातीय-आधारित रेजिमेंटों को बनाए रखा है, जो राष्ट्रीय रक्षा में विशिष्ट समुदायों के योगदान को मान्यता देते...
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