मधुबनी, मई 27 -- बेनीपट्टी। अमर सुहाग की कामना के साथ सुहागिन महिलाओं ने श्रद्धापूर्वक वट सावित्री की पूजा-अर्चना की । पूजा को लेकर सुहागिन महिलाओं में उत्साह बना रहा। खासकर नवविवाहिताओं का उत्साह चरम पर था। अखंड एवं फलाहारी रहकर सुहागिन महिलाएं आस्था के साथ पूजा अर्चना की। सुखद दाम्पत्य जीवन के लिए इस व्रत को करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। जेष्ठ कृष्ण पक्ष अमावश्या की दोपहर बेला में बरगद के पेड़ के निकट पूजा अर्चना करना अति शुभ माना जाता है। मान्यता है कि अपने तप के बल पर सावित्री ने पति सत्यवान का प्राण दिन के आधी बेला में ही वापस लाने में कामयाब हुई थीं। ऐसी मान्यता है कि जब सावित्री के पति सत्यवान की मौत हो गई तो सावत्री ने अपने पति की शव को बरगद के पेड़ के नीचे रख कर तप के बल पर यमराज से पति का प्राण वापस लाकर पुनर्जीवित किया थ...