बोकारो, मई 27 -- बेरमो, हिटी। पौराणिक काल में सती सावित्री ने वट वृक्ष की छाया में अपने मृत पति सत्यवान के दीर्घायु के लिए यमराज से पुनर्जीवन का वरदान कैसे प्राप्त किया था! यह कथा श्रवण करते हुए ज्येष्ठ अमावस्या सोमवार को सुहागिनों ने अखंड सौभाग्य की कामना से परंपरागत विधि से वट सावित्री व्रत करते हुए पूजा अर्चना की। भारतीय गृहस्थ परंपराओं अनुसार बेरमो कोयलांचल सहित शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में इस अवसर पर सुहागिनों ने सोलह शृंगार में श्रद्धापूर्वक बरगद वृक्ष की छाया में सावित्री-सत्यवान की कथा सुनी। भिंगोया चना, गुड़ व आम या अन्य मौसमी फल अर्पित कर पूजा की। धार्मिक वृक्ष बरगद की परिक्रमा और रक्षा सूत्र बांधा गया। वहीं घर आकर बांस या ताड़ के पंखे से झलते पति को प्रसाद दिया। मालूम हो कि जेठ माह में बरसात आने के पूर्व अमावस्या को वट सावित्री...