नई दिल्ली, दिसम्बर 19 -- सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) में कार्यरत एक व्यक्ति पर अनुशासनात्मक कार्यवाही के परिणामस्वरूप लगाए गए सेवा से बर्खास्तगी के दंड को बहाल कर दिया, क्योंकि उसने अपनी पहली पत्नी के रहते हुए दोबारा शादी कर ली थी। न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति विपुल एम पंचोली की पीठ ने कहा कि कानून के उल्लंघन से होने वाली असुविधा या अप्रिय परिणाम कानून के प्रावधान को कमतर नहीं कर सकते। उच्चतम न्यायालय ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें अनुशासनात्मक प्राधिकारी को सजा कम करने का आदेश दिया गया था। केंद्र और अन्य द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर पीठ ने अपना फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने उल्लेख किया कि संबंधित व्यक्ति ने जुलाई 2006 में सीआईएसएफ में कांस...