सहरसा, सितम्बर 20 -- सहरसा,हमारे प्रतिनिधि। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 01 सितम्बर को दिए गए फैसले ने देशभर के लाखों शिक्षकों की नींद उड़ा दी है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि अब सेवा में बने रहने और पदोन्नति पाने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। फैसले के मुताबिक जिन शिक्षकों की सेवा अवधि पांच वर्ष से कम बची है, वे बिना टीईटी पास किए नौकरी तो कर पाएंगे, लेकिन उन्हें प्रोन्नति का लाभ नहीं मिलेगा। वहीं शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने से पहले नियुक्त शिक्षक, जिनकी सेवा निवृत्ति में पांच वर्ष से अधिक समय बचा है। उन्हें दो साल के भीतर टीईटी पास करना अनिवार्य होगा। निर्धारित अवधि में परीक्षा पास न करने पर उन्हें सेवा से हटाया जा सकता है या अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा सकती है। इस आदेश से शिक्षक जगत में भारी असंतोष है। ...