किशनगंज, अक्टूबर 5 -- दिघलबैंक। एक संवाददाता भारत-नेपाल सीमा पर सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण सीमा सुरक्षा सड़क का निर्माण कार्य पिछले 12 वर्षों से धीमी गति से चल रहा है, जिससे सीमावर्ती ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किशनगंज जिले के दिघलबैंक प्रखंड के सिंघीमारी, लोहागाढ़ा, सतकौआ, दिघलबैंक, धनतोला, अठगछिया जैसे पंचायतों में लोगों को उम्मीद थी कि इस सड़क के माध्यम से वर्षों की उपेक्षा के बाद विकास की रफ्तार तेज होगी। हालांकि, भूमि अधिग्रहण में देरी और कानूनी अड़चनों के कारण निर्माण कार्य वर्षों तक ठप रहा। 2017 की बाढ़ में बने अधिकांश कलवर्ट बह जाने से स्थिति और बदतर हो गई। बरसात के मौसम में डायवर्शन टूटने से स्थानीय लोगों और एसएसबी के जवानों की आवाजाही कई बार हफ्तों तक बाधित रहती है। हाल ही में 2024 में गृह मंत्रालय द्वारा ...