रांची, जुलाई 14 -- रांची, संवाददाता। साहित्यिक गतिविधियां न केवल बौद्धिक जागरुकता को बढ़ाती हैं, बल्कि व्यक्ति को आत्मचिंतन और आत्मबोध की ओर भी प्रेरित करती हैं। ये बातें भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक प्रेम रंजन प्रसाद सिंह ने सोमवार को शहर के एक निजी होटल में आयोजित साहित्य और संवाद का उत्सव कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि जब कोई पुस्तक केवल शब्दों का संग्रह न होकर जीवन के अनुभवों, संघर्षों और चिंतन का जीवंत दस्तावेज बन जाती है, तब उस पर चर्चा करना एक गहन बौद्धिक यात्रा बन जाती है। 'जीवन खेल पुस्तक पर परिचर्चा में बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह पुस्तक जीवन की जटिलताओं को सहज दृष्टिकोण से समझने का अवसर प्रदान करती है। कार्यक्रम में साहित्य जगत से मदन कश्यप, प्रमोद झा, मो अनवर शमीम, राकेश रेणु, अंशु चौधरी व अभिनंदन ने पुस्तक की अ...