नई दिल्ली, दिसम्बर 22 -- ज्योतिषशास्त्र में शनिदेव को विशेष स्थान प्राप्त है। शनिदेव को न्याय का देवता, कर्मफल दाता भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार व्यक्ति जैसा कर्म करता है, शनिदेव वैसा ही फल व्यक्ति को देते हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार हर समय कुल 3 राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और 2 राशियों पर शनि की ढैय्या रहती है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शनि का प्रभाव है जो हर व्यक्ति पर पड़ता है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। शनि की साढ़ेसाती साढ़ेसात साल की होती है और इसके तीन चरण होते हैं। वहीं शनि की ढैय्या लगभग ढ़ाई साल की होती है। शनि सभी ग्रहों में सबसे धीमी चाल चलते हैं। शनि ढ़ाई साल में एक बार राशि परिवर्तन करते हैं, जिस वजह से शनि का प्रभाव भी व्यक्ति पर लंबे समय तक...