पौड़ी, जून 14 -- जिले के द्वारीखाल ब्लाक के तिमली गांव में एक नई मिसाल कायम हुई है, जहां सरकारी सहायता और ग्रामीण सहभागिता के समंवय से खेती को सुरक्षित और समृद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। तिमली गांव को पर्माकल्चर योजना के तहत चयनित किया गया। घेरबाड़ कार्यक्रम के तहत तिमली गांव में चेनलिंक फेंसिंग की स्थापना की गई। यह योजना प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण, स्थाई कृषि प्रणाली के विकास को बढ़ावा देने के लिए संचालित की जा रही है। गांव के समग्र विकास हेतु कृषि, ग्राम्य विकास, उद्यान विभाग सहित विभिन्न विभागों ने विकासात्मक गतिविधियों के माध्यम से इस क्षेत्र को एक समन्वित विकास मॉडल में बदलने का प्रयास किया है। फेंसिंग परियोजना इसका एक सफल उदाहरण बन कर सामने आई है। स्थानीय किसानों के तहत फेंसिंग के बाद पशु घुसपैठ पर रोक लगन...