उन्नाव, जुलाई 8 -- ग्राम पंचायतों के लोगों को शौच के लिए गांव से बाहर न जाने पड़े इसके लिए सामुदायिक शौचालय बनवाए गए हैं। इनके संचालन में जिम्मेदार उदासीन रवैया अपनाए हैं। इस कारण महिलाओं को खेतों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीण औचक निरीक्षण कर जमीनी हकीकत पता कराकर सुधार कराने की गुहार जनप्रतिनिधियों और हाकिमों से लगा रहे हैं। पेश है सुमेरपुर से प्रशांत तिवारी, मोहान से अजीत कुमार, अचलगंज से राजू द्विवेदी, औरास से प्रकाश मिश्रा और गंजमुरादाबाद से विक्रम निषाद की रिपोर्ट आंकड़ों के आइने में सामुदायिक शौचालय जिले भर में 1037 ग्राम पंचायतें हैं। इनमें 1037 सार्वजनिक शौचालय बने हैं। 1024 में केयरटेकर चयनित हैं। केयरटेकर को मासिक छह हजार रुपये मानदेय दिया जाता है। सुबह पांच बजे से नौ बजे तक और शाम को चार से आठ बजे तक इसे खोलने का स...
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