जमशेदपुर, दिसम्बर 18 -- साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामलों ने आमलोगों की परेशानी बढ़ा दी है। हालत यह है कि साइबर ठगी के शिकार अधिकांश पीड़ितों के रुपये पुलिस वापस नहीं करवा पा रही है। आंकड़ों के अनुसार, करीब 75 प्रतिशत मामलों में ठगी गई रकम की कोई बरामदगी नहीं हो पा रही है, जबकि पुलिस महज 25 प्रतिशत मामलों में ही पीड़ितों को राहत दिला पा रही है। साइबर ठगी के मामलों में सबसे बड़ी बाधा बैंकिंग प्रक्रिया बनकर सामने आ रही है। बैंक से रिपोर्ट आने में हो रही देरी के कारण कई केस शुरुआती स्तर पर ही फंस जाते हैं। शिकायत दर्ज होने के बाद जब तक संबंधित खातों की जानकारी और ट्रांजैक्शन का विवरण मिलता है, तबतक साइबर ठग रकम को एक से दूसरे खाते में ट्रांसफर कर चुके होते हैं। ऐसे में पुलिस के सामने ठगी की रकम को ट्रेस करना और वापस कराना लगभग असंभव हो जाता है। कई...