रामगढ़, दिसम्बर 22 -- वेस्ट बोकारो, निज प्रतिनिधि। देश में सड़क एवं हाईवे परियोजनाओं के विस्तार के कारण बड़ी संख्या में ज़मीनों का सरकारी अधिग्रहण हो रहा है। ज़मीन जाने के बाद मिलने वाले मुआवज़े पर आयकर को लेकर आम जनता में भ्रम बना रहता है। लेकिन कानून बहुत स्पष्ट है कि हर मुआवज़ा करयोग्य नहीं होता। इसपर टैक्स एक्सपर्ट अधिवक्ता रोशन कुमार ने लोगों को जागरुक करते हुए बताया है कि यदि अधिग्रहित ज़मीन ग्रामीण कृषि भूमि है, तो आयकर अधिनियम की धारा 10(37) के अंतर्गत उस पर मिला मुआवज़ा पूरी तरह कर-मुक्त होता है। यह छूट भूमि अधिग्रहण अधिनियम या राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम के अंतर्गत हुए अधिग्रहण पर लागू होती है। इसमें मूल मुआवज़ा तथा बढ़ा हुआ मुआवज़ा शामिल है। उन्होंने बताया है कि इसके विपरीत, यदि ज़मीन शहरी कृषि भूमि या आवासीय/व्यावसायिक भूखंड है...