नई दिल्ली, दिसम्बर 26 -- नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि ससुराल में महिला का यौन उत्पीड़न भी दहेज प्रताड़ना का ही हिस्सा है। इसके लिए अलग से सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है। न्यायमूर्ति अमित महाजन की पीठ ने कहा कि यदि महिला अपने ससुरालवालों पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाती है, तो इसे दहेज उत्पीड़न के अंतर्गत बताई गई शारीरिक क्रूरता का गंभीर रूप माना जा सकता है। कोर्ट ने साफ किया कि दहेज प्रताड़ना और दुष्कर्म के अपराध आपस में इस तरह जुड़े होने चाहिए कि वे एक ही घटना या घटनाक्रम का हिस्सा हों। ऐसे मामलों में इन्हें अलग-अलग अपराध मानकर अलग सुनवाई करना जरूरी नहीं है। पीठ ने कहा कि यदि ससुरालवालों द्वारा की गई शारीरिक क्रूरता का गंभीर स्वरूप दुष्कर्म है, तो उसे क्रूरता के अपराध से अलग नहीं किया जा सकता। ...