बृजेंद्र मेहता। हल्द्वानी, अगस्त 22 -- जिस लड़की को डॉक्टरों ने नया जीवन दिया, अब वही डॉक्टर बनने की राह पर है। दर्द और तकलीफ से जूझते हुए भी उसने किताबों से नाता नहीं तोड़ा। छह बार ऑपरेशन झेलने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी और अपनी मेहनत से सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला पा लिया। यह प्रेरणादायक कहानी है गदरपुर की बेटी मानसी की, जिसने दुर्लभ बीमारी को मात देकर अपने सपनों में रंग भरे हैं।छह बार हुई सर्जरी मानसी को बचपन से स्कोलियोसिस नामक दुर्लभ बीमारी है, जिसमें हड्डियां असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं। आठवीं कक्षा में ही उनकी रीढ़ 'एस' आकार में मुड़ गई। हालात इतने गंभीर हुए कि उन्हें बार-बार दिल्ली एम्स जाना पड़ा, जहां 2017 से 2023 तक छह बड़ी सर्जरी हुईं। अब उनकी रीढ़ चार रॉडों के सहारे खड़ी है। बीमारी और दर्द के बावजूद मानसी ने कभी पढ़...
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