रांची, जून 8 -- रांची, वरीय संवाददाता। पाहन महासम्मेलन रविवार को दशमाईल सरना स्थल में हुआ। अध्यक्षता राम पाहन ने और संचालन अमर बाबू ने किया। पाहनों ने एक स्वर में कहा कि हम आदिवासी हैं। सरना सनातन एक नहीं है। सरना समुदाय के पुजारी पाहन होते हैं। समाज को महतो, मुंडा, पाईनभोरा, कोटवार संचालित करते हैं। हमारी धर्म-संस्कृति और परंपरा सनातनी व्यवस्था से अलग है। अतिथि के रूप में केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि जनजातीय सुरक्षा मंच आदिवासियों को हिंदू कहना बंद करे, अन्यथा मंच से जुड़े आदिवासियों का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। पड़हा समन्वय समिति भारत के अध्यक्ष राणा प्रताप उरांव ने कहा कि समाज के अगुवा पाईनभोरा, पाहन, मुंडा-कोटवार ही समाज के रक्षक हैं। समाज को एकजुट करना है। बाबा भीमराव आंबेडकर का संदेश है जो समाज शिक्षित, ...