कानपुर, दिसम्बर 22 -- कानपुर। प्राचीन दक्षिण भारतीय प्रयाग नारायण मंदिर शिवाला में श्री राम कथा यज्ञ के दूसरे दिवस सोमवार को कथा में मानस मनीषी श्री उमाशंकर व्यास ने समाज की कुरीतियों पर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि समाज की समरसता और सौंदर्य के लिए व्यक्ति की मानसिकता में ओछापन नहीं होना चाहिए। उन्होंने महाराज दशरथ और जनक जैसे समाधि का दृष्टांत देते हुए कहा कि एक ओर जनक जी दशरथ जी का सम्मान करते हुए कहते हैं कि आपके साथ संबंध होने से हम अब बड़े हो गए, वहीं दूसरी ओर भगवान शंकर के ससुर दक्ष ने भगवान शंकर का भरी सभा अपमान किया। कथा में अंबरीश मिश्रा, हर्षित त्रिपाठी, ओम प्रकाश गुप्ता, विजय मिश्रा, सतीश तिवारी, ऋषभ मिश्रा उपस्थित रहे।

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