नई दिल्ली, सितम्बर 10 -- त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) अध्यक्ष पी.एस. प्रशांत ने बुधवार को कहा कि बोर्ड द्वारा 2016 में सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए आखिरी हलफनामे में सबरीमला मंदिर में युवतियों के प्रवेश से जुड़े पारंपरिक रीति-रिवाजों और अनुष्ठानों की रक्षा करने का अनुरोध किया गया था। प्रशांत ने यहां संवाददाताओं से कहा कि इसके बाद से कोई नया हलफनामा पेश नहीं किया गया और पिछला हलफनामा अब प्रासंगिक नहीं है। प्रशांत इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या टीडीबी भगवान अयप्पा मंदिर में मासिक धर्म आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में अपना रुख बदलेगा। विपक्षी दल कांग्रेस और भाजपा ने टीडीबी से इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। टीडीबी अध्यक्ष ने कहा कि पिछले चार-पांच वर्षों में सबरीमला मंदिर में सभी रीति-रिवाजों का ब...