औरंगाबाद, अक्टूबर 11 -- सदर अस्पताल को भले ही मॉडल अस्पताल का दर्जा मिल गया हो, लेकिन मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं लगातार घटती जा रही हैं। गुरुवार को इसका उदाहरण तब देखने को मिला जब दर्जनों गर्भवती महिलाएं अल्ट्रासाउंड के लिए फर्श पर बैठकर घंटों इंतजार करती रहीं। अंत में अधिकांश महिलाओं का अल्ट्रासाउंड नहीं हो सका। अस्पताल प्रबंधक प्रफुल्लकांत निराला ने बताया कि पहले दोपहर 2 बजे तक अल्ट्रासाउंड की सुविधा दी जाती थी लेकिन डॉ. लालसा सिन्हा को सिविल सर्जन का प्रभार मिलने के बाद अब प्रतिदिन केवल एक घंटे के लिए ही अल्ट्रासाउंड किया जाता है। इस अवधि में औसतन 10 से 12 महिलाओं का ही परीक्षण हो पाता है। आर्थिक रूप से कमजोर महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, जबकि सक्षम परिवार निजी सेंटरों में अल्ट्रासाउंड करवाने को मजबूर हैं। कई महिलाओं को जांच के ...