नई दिल्ली, दिसम्बर 27 -- एक सार्वजनिक सड़क के निर्माण के लिए स्थानीय निवासियों के अदालत आने को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने सरकारी महकमों के प्रति नाराजगी जताते हुए कहा है कि अब सड़क बनवाने या उसमें घटिया सामग्री इस्तेमाल ना करने के लिए नागरिकों को अदालत की शरण लेनी पड़ेगी। कोर्ट ने संबंधित विभागों व अधिकारियों को कहा है क्यों ने उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए। मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा है कि इस मुद्दे पर पहले ही अदालत विभागों को दो बार आदेश जारी कर चुकी है। पहले स्थानीय निवासियों की गुहार पर सड़क बनाने के आदेश दिए गए थे। उसके बाद सड़क बनाने के दौरान जांच में घटिया सामग्री का खुलासा होने पर दूसरी बार निर्देश दिए गए थे। लेकिन इसके बावजूद विभागों व अधिकारियों की ...