नई दिल्ली, दिसम्बर 21 -- नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। द्वारका जिला अदालत ने दहेज उत्पीड़न के मामले में मृतका के देवर के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश को रद्द करते हुए उसे बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोपों के समर्थन में कोई ठोस साक्ष्य मौजूद नहीं है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ की अदालत ने कहा कि मजिस्ट्रेट द्वारा आरोपी के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश त्रुटिपूर्ण था। अदालत ने बताया कि 22 मार्च 2023 को मजिस्ट्रेट अदालत ने मामले के अन्य सभी आरोपियों को बरी कर दिया था, जबकि केवल दीपक के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश बरकरार रखा गया था। मजिस्ट्रेट के अनुसार, दीपक पर शादी के समय दिए गए कपड़ों की संख्या पर आपत्ति जताने और मृतका के माता-पिता का अपमान करने का आरोप था। हालांकि, सत्र अदालत ने कहा कि शादी के समय दिए ज...