नई दिल्ली, दिसम्बर 22 -- नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। तीस हजारी कोर्ट ने वर्ष 2017 में 15 साल की लड़की से दुष्कर्म के आरोप में एक नाबालिग आरोपी को बरी कर दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रयांक नायक की अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष नाबालिग के खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित करने में विफल रहा। नाबालिग आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा धारा 376 और पॉक्सो अधिनियम की धारा चार के तहत मामला दर्ज किया गया था। नाबालिग की ओर से अधिवक्ता ने अदालत में दलील दी कि यह मामला लड़की के परिजनों के दबाव में दर्ज कराया गया था। उपलब्ध साक्ष्यों से यह सामने आता है कि दोनों नाबालिगों के बीच शारीरिक संबंध आपसी सहमति से बने थे और किसी प्रकार की जबरदस्ती या दबाव नहीं था। अदालत ने फैसले में कहा कि मामले में पीड़िता ही एकमात्र प्रत्यक्ष गवाह थी। अपने बयान में उसने केवल ...