जमुई, सितम्बर 29 -- जमुई। नगर प्रतिनिधि जमुई के अलीगंज प्रखंड के एक छोटे से गांव से पैरालंपिक तक का सफर संघर्षों से भरा था, जिसमें उनके पिता ने कर्ज लेकर और खेत गिरवी रखकर उसे खेलने के लिए प्रेरित किया। शैलेश ने बचपन में स्कूल में ही खेलों में भाग लेना शुरू किया और स्कूल के खेल दिवस के दौरान ऊंची कूद और लंबी कूद में हिस्सा लिया। उन्होंने पहले शारीरिक रूप से सक्षम एथलीटों के साथ बिहार सब-स्टेट चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और वहां भी पदक जीता। पैरा खेलों में प्रवेश: बाद में एक दोस्त ने उन्हें पैरा खेलों के बारे में बताया, जिससे उनका सफर एक नई दिशा में शुरू हुआ। शैलेश पहले सक्षम एथलीटों के साथ प्रतिस्पर्धा की, फिर पैरा खेलों में अपनी पहचान बनाई और एशियाई पैरा गेम्स 2022, विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 और पेरिस पैरालंपिक 2024 में देश का प...
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