हापुड़, सितम्बर 20 -- नगर के दिल्ली रोड स्थित श्री बालाजी मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत महाकथा के छठें दिन बागेश्वर धाम से पधारे पंडित रोहित रीछारीय महाराज ने श्री कृष्ण व रुकमणि के विवाह के उत्सव पर प्रकाश डाला। इस दौरान भक्तों ने खूब नृत्य किया। पंडित रोहित महाराज ने बताया कि विदर्भ की राजकुमारी रुक्मिणी ने भगवान श्री कृष्ण को मन ही मन पति मान लिया था और एक पत्र के माध्यम से विवाह का प्रस्ताव भेजा था। राजा भीष्मक की इच्छा के विरुद्ध कृष्ण ने रुक्मिणी का हरण कर उनसे विवाह किया और उनकी रक्षा की। इस कथा में रुक्मिणी के प्रेम, भक्ति और कृष्ण के उनके हरण का वर्णन होता है, जिसे कथावाचक विस्तार से सुनाते हैं। भक्तगण आनंदित होते हैं। रुक्मिणी को साक्षात लक्ष्मी का अवतार माना जाता है और यह विवाह उनके और भगवान नारायण के अटूट बंधन को दर्शाता है। ...