पीलीभीत, जून 10 -- नगर के हनुमान गढ़ी मंदिर में चल रही श्रीरामकथा में पं. अम्बरीष तिवारी भरत मिलाप लीला का मार्मिक कथा सुनाई। श्री सुंदरकांड पाठ समूह द्वारा आयोजित श्रीरामकथा में कथावाचक ने कहा कि जब भगवान श्रीराम को 14 वर्षों का वनवास हुआ और यह बात भरत को पता चली तो वह सब कुछ छोड़ कर भाई राम को लेने चित्रकूट पहुंच गए। उनके साथ अयोध्या के राजपरिवार के सदस्य, राजगुरु, मंत्री व माता सीता के पिता राजा जनक व मां सुनैना भी गई थीं। चित्रकूट में प्रभु राम, सीता और लक्ष्मण एक कुटिया बनाकर रह रहे थे। वहीं उनका भरत से मिलन हुआ। इसके बाद जब भरत अयोध्या लौटने का आग्रह किया तो राम ने मना कर दिया। भरत अपने भाई राम से अधिक प्रेम के कारण क्षमा मांगते हुए अयोध्या का राज सिंहासन उन्हें देने की बात कही, ताकि वह वापस हो सके। भरत की हट करने से गुरुजन भी निर्णय...