बाराबंकी, दिसम्बर 29 -- निन्दूरा। क्षेत्र के दरावां गांव में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में चौथे दिन की कथा, व्यास विनय शास्त्री ने कृष्ण जन्मोत्सव से प्रारंभ किया। उन्होंने कहा कि यदुवंश के बड़े पुत्र वासुदेव थे। वासुदेव के 17 विवाह हुए थे, अठारहवां विवाह देवकी से हुआ। इसके बाद कंस ने आकाशवाणी को सुनकर दोनों को जेल में डाल दिया। कथा सुन श्रोता भावुक हो गए। कथा वाचक ने कहा कि भादो मास की अंधियारी रात को अष्टमी के दिन कंस के मथुरा जेल में अचानक अलौकिक प्रकाश फैलने लगा और माता देवकी के गर्भ से श्रीकृष्ण का प्राकट्य हुआ। वहां के समस्त बंदी मूर्छित हो गए जेल के दरवाजे खुल गए। आकाशवाणी हुई जिसे सुनकर वासुदेव नन्हे बालक को लेकर यमुनापार गोकुल नंद के घर पहुंचकर वहां से नवजात कन्या को लेकर वापस आए। सुबह होते ही गोकुल में नंद बाबा के घर बाल...