चंदौली, सितम्बर 8 -- टांडाकला। क्षेत्र के महुअर गांव में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन रविवार को कथावाचक आचार्य अभिषेक शास्त्री ने श्री कृष्ण एवं सुदामा की दोस्ती का वर्णन किया। कहा कि भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की दोस्ती प्रेम, सम्मान, समर्पण और स्वार्थ रहित होने का एक आदर्श उदाहरण है। यह सिखाती है कि सच्ची दोस्ती धन या सामाजिक स्थिति पर आधारित नहीं होती। यह आज भी लोगों को सच्ची मित्रता के महत्व को समझने और उसे निभाने की प्रेरणा देती है। उन्होंने कहा कि भगवान श्री हरी विष्णु जो कृष्णावतार में थे। उनके बचपन के परम मित्र सुदामा की दोस्ती एक मिशाल रही है। सुदामा एक गरीब बाम्हण थे। वह सदैव नारायण एवं श्रीकृष्ण का जप करते थे। जबकि वह जानते थे मेरा मित्र श्रीकृष्ण मथुरा का राजा है। उसके पास जाने से मेरी गरीबी दूर हो जायेगी। लेकिन उन...