बाराबंकी, जून 11 -- निन्दूरा। क्षेत्र बाबागंज नारायणपुर गांव में श्रीराम कथा के अंतिम दिन मंगलवार को अंतिम दिन कथा वाचक द्वारिका नंद महाराज ने श्रोताओं को श्रवण की कथा सुनाई। माता पिता की सेवा का महत्व बताते हुए कहा ऐसा माना जाता है कि श्रवण कुमार के माता-पिता अंधे थे। श्रवण कुमार अत्यंत श्रद्धापूर्वक उनकी सेवा करते थे। एक बार उनके माता-पिता की इच्छा तीर्थयात्रा करने की हुई। श्रवण कुमार ने कांवर बनाई और उसमें दोनों को बैठाकर कंधे पर उठाए हुए यात्रा करने लगे। बाबा ने कहा एक दिन वे अयोध्या के समीप वन में पहुंचे। वहां रात्रि के समय माता-पिता को प्यास लगी। श्रवण कुमार पानी के लिए अपना कलश लेकर सरयू तट पर गए। उसी समय महाराज दशरथ भी वहां आखेट के लिए आए हुए थे। श्रवण कुमार ने जब पानी में अपना कलश डुबोया, दशरथ ने समझा कोई हिरन पानी पी रहा है। उन्...